राजमोभाकपा (माले) रेड स्टारका पोलिट ब्यूरो सदस्य तथा महिला नेतृ शर्मिष्ठाको निधन

नयाँ दिल्ली । भारतीय कम्यूनिष्ट पार्टी (माले) रेड स्टारको पोलिट ब्यूरो सदस्य तथा अखिल भारत क्रान्तिकारी महिला संगठनकी महासचिव शर्मिष्ठाको दुखद निधन भएको समाचार प्राप्त भएको छ ।

पार्टीका महासचिव केएन रामाचन्द्रनद्वारा जारी विज्ञप्ती मार्फत शर्मिष्ठाको निधन भएको जानकारी हुन आएको हो । विज्ञप्तीमा उल्लेख भए अनुसार वहाँलाई पेट सम्बन्धि गम्भिर विमारीका कारण कलकत्तास्थित अस्पतालमा भर्ना हुनुभएको थियो । वहाँको आज दिउँसो ३ बजे अस्पतालमा निधन भएको हो ।

महासचिव के.एन. रामचन्द्रनद्वारा जारी विज्ञप्ती :

“प्रिय कामरेडों एवं मित्रों, कामरेड शर्मिष्ठा को लाल सलाम !
भाकपा(माले) रेड स्टार की पोलित ब्यूरो सदस्य, अखिल भारत क्रान्तिकारी महिला संगठन (AIRWO) की महासचिव तथा ट्रेड यूनियन सेन्टर आफ इंडिया (टीयूसीआई) की केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य कामरेड शर्मिष्ठा का आज दोपहर ३ बजे कलकत्ता के एक अस्पताल में निधन हो गया, जहां उन्हें पेट की गंभीर बीमारी की कारण कल शाम को भर्ती किया गया था । वे पिछले कुछ महीनों से इस बीमारी से पीडि़त थीं । विधान सभा चुनाव के समय भांगर सीट पर पार्टी प्रत्याशी का चुनाव प्रचार में भाग लेते हुए वे बीमारी पड़ी थीं । इस बीच उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था । तब से सभी गतिविधियों से दूर थीं ।

कामरेड शर्मिष्ठा पार्टी की गतिविधियों के साथ–साथ महिला मोर्चे और मजदूर वर्ग के मोर्चे पर अगली कतार में थीं । भाकपा (माले) रेड स्टार की वैचारिक व राजनीतिक दिशा के विकास में, और साथ ही पश्चिम बंगाल में पार्टी के निर्माण में उन्होंने अन्य अग्रणी कामरेडों के साथ मिलकर महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया । जब वह हमको छोड़कर गई, तब उनकी उम्र मात्र द्धछ साल थी । वह प्रेसिडेन्सी कालेज और कोलकाता कालेज की विद्यार्थी थीं जहां उन्होंने से पोस्ट–ग्रेजुएशन किया था और फिर पत्रकारिता का कोर्स किया था । उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत टेलीग्राफ अखबार में पत्रकार के रूप में की थी । वह प्रेसिडेन्सी कालेज की पढ़ाई के दिनों से जुझारू विद्यार्थी कार्यकर्ता थीं । उन्होंने २००२ में पत्रकार की नौकरी छोड़ दी और सीसीआरआई (भारत के कम्युनिस्ट क्रान्तिकारीयों का केन्द्र, Center for Communist Revolutionaries of India) का पूर्णकालीक कार्यकर्ता बन गईं । वर्ष २००९ में सीसीआरआई का भाकपा (माले) रेड स्टार के साथ विलय हो गया । उन्होंने तब से, विगत १२ वर्षों के दौरान, पार्टी की सक्रिय नेता के रूप में, अखिल भारत क्रान्तिकारी महिला संगठन की महासचिव के रूप में और टीयूसीआई की केन्द्रीय कार्यकारिणी कमेटी की सदस्य के रूप में कई महत्वपूर्ण संघर्षों में भाग लिया है और उनका नेतृत्व किया है ।

कामरेड शर्मिष्ठा ने महिलाओं की मुक्ति के प्रश्न पर कई महत्वपूर्ण लेख लिखे हैं । उन्होंने इन लेखों में यह उजागर किया है कि ब्राह्मणवादी, हिन्दुत्व की विचारधार और मनुस्मृति पर आधारित पितृसत्ता, जो आरएसएस और सभी प्रतिक्रियावादी ताकतों का सैद्धान्तिक आधार है और जो महिलाओं एवं अन्य यौनिकता की गुलामी को चिरस्थाई बनाता है, के खिलाफ राजनैतिक दिशा का विकास करने और उस पर व्यवहार करने में कम्युनिस्ट आन्दोलन की शुरू से ही सैद्धान्तिक कमजोरी रही है । उन्होंने महिलाओं की क्रान्तिकारी विमुक्ति के लिए अभियान चलाया और विगत दस वर्षों से अखिल भारत क्रान्तिकारी महिला संगठन (AIRWO) का नेतृत्व करते हुए इसे देशव्यापी संगठन का रूप दिया । महिला मोर्चे पर अपनी गतिविधियों का अन्तर्राष्ट्रीय पर विस्तार करते हुए, उन्होंने ‘‘विश्व महिला सम्मेलन’’ (वर्ल्ड वूमेन्स कान्फ्रेन्स, World Women’s Conference WWC) के गठन में सक्रिय भूमिका का निर्वाह किया और काराकास (वेनेजुएला), नेपाल और जर्मनी में इसके सम्मेलनों में सक्रियता से भाग लिया । २०१८ में बैंगलोर में इसका सैद्धान्तिक सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसका आयोजन कामरेड शर्मिष्ठा के नेतृत्व में किया गया था ।

कामरेड शर्मिष्ठा अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत से मजदूर वर्ग के आन्दोलन में भी सक्रिय थीं । जब नव–उदारवादी नीतियों के कारण ९५ प्रतिशत मजदूर ठेका या कैजुअल मजदूर में तब्दील कर दिए गए हैं और पुराने किस्म का परम्परागत टेङड यूनियन आन्दोलन, जो शासक वर्ग की पार्टियों या सुधारवादी पार्टियों से सम्बद्ध हैं, मजदूर वर्ग को अर्थवाद के दायरे से बाहर निकालने में असफल रहने के कारण ठहराव के शिकार हो गए हैं, तब कामरेड शर्मिष्ठा असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को संगठित करने के लिए हमेशा तत्पर रहती थीं । उनके नेतृत्व में हुए बन्द जूट मिल के मजदूरों के एक संघर्ष में उनका तृणमूल कांग्रेस सरकार के साथ टकराव हुआ था ।

पावरग्रिड सब–स्टेशन निर्माण के लिए दक्षिण २४ परगना जिलों में भांगर जन आन्दोलन शुरू करने तथा इसके लिए ‘जमीन, आजीविका, पर्यावरण एवं परिवेश रक्षा कमेटी’’ का गठन करने में उन्होंने कामरेड अलिक, जो उनके जीवनसाथी भी हैं, एवं अन्य साथियों के साथ मिलकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी । उन्हें इस आन्दोलन के दौरान गिरफ्तार किया गया था और यूएपीए की धाराएं लगाकर जेल में बन्द रखा गया था । छह महीने जेल में रहने के बाद बाहर आने पर, वह फिर से आन्दोलन में कूद पड़ीं और तृणमूल कांग्रेस के गुण्डावाहिनी को परास्त कर पोलेरहाट पंचायत चुनाव में पांच सीटों पर जीत हासिल की थी । जब भांगर आन्दोलन का सफलतापूर्वक समापन हुआ तो उन्होंने इस इलाके में पार्टी और जन संगठनों को मजबूत करने का महत्वपूर्ण कार्य किया ।

कामरेड शर्मिष्ठा एक जिन्दादिल और जुझारू जन नेता थी, एक शक्तिशाली वक्ता थीं । कामरेड अलिक एवं अन्य कामरेडों के साथ कम्युन में रहते हुए, उन्होंने अपना जीवन कम्युनिस्ट निष्ठा और दृढ़ता के साथ महिलाओं और समस्त शोषित–उत्पीडि़त जनता की मुक्ति के लिए समर्पित कर दिया था । कामरेड शर्मिष्ठा एक सच्ची क्रान्तिकारी जन नेता थी जिन्होंने पार्टी के नेतृत्व में क्रान्तिकारी जन दिशा के विकास में बहुत योगदान दिया है । एक ऐसे समय में जब कम्युनिस्ट आन्दोलन गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है, २८ मई को कामरेड शिवराम के देहान्त से हुई क्षति के ठीक दो हफ्ते बाद, उनका देहान्त न केवल हमारी पार्टी के लिए, बल्कि पूरे कम्युनिस्ट आन्दोलन के लिए भारी क्षति है ।

भाकपा (माले) रेड स्टार की केन्द्रीय कमेटी सभी कामरेडों और मित्रों से उनकी याद में स्मरण सभा कर क्रान्तिकारी कार्य को आगे ले जाने के लिए खुद को समर्पित करने की अपील करती है जिसके लिए कामरेड शर्मिष्ठा ने अपने जीवन में हमेशा लड़ती रही थीं । कामरेड शर्मिष्ठा की माँ और उन के सभि प्रिय व घनिष्ठ कामरेडों और मित्रों के प्रति पार्टी अपनी हार्दिक समवेदना व्यक्त करती है । उन के जीवन साथी और पश्चिम बंगाल राज्य कमिटी के सचिव का. अलिक ने घोषणा किया है कि कल शुवह एक कार्यक्रम रखा जाएगा जिस में भारत सहित राज्य के विभिन्न जिल्लों के कामरेड भाग लेंगे और कामरेड शर्मिष्ठाको श्रद्धाञ्जली अर्पित करेंगे । यिस के वाद उन के शरिरको मेडिकल छात्रो को रिसर्च के लिए अस्पतालको सौंपा जाएगा । कामरेड शर्मिष्ठा हमारी प्रिय कामरेड थि । जिन की याद हमेशा हमारे साथ रहेगी और क्रान्तिकारी कार्यको आगे लेजाने की प्रेणा देति रहेगी ।
हमारी प्रिय कामरेड शर्मिष्ठाको लाल सलाम ।”

केएन रामचन्द्रन
महासचिव, भाकपा (माले) रेड स्टार
१३ जुन २०२१

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