भाकपा (माले) रेड स्टारका पिविएमको निधन

भारतीय कम्यूनिष्ट पार्टी (माले) रेड स्टारका पोलिट ब्युरो सदस्य तथा पुर्बी भारत राज्य कमिटीका सेक्रेटरी का. शिवरामको कोरोना संक्रमणबाट दुखद निधन भएको छ । भारतीय कम्यूनिष्ट पार्टी (माले) रेड स्टारले विज्ञप्ती जारी गरि शोक समवेदना प्रकट गरेको छ ।

प्रस्तुत छ वक्तव्यको पूर्ण पाठ :

हमारे प्रिय कामरेड शिवराम हमें छोड़ गए। कामरेड शिवराम को क्रांतिकारी लाल सलाम!

भाकपा (माले) रेड स्टार के ओड़िशा राज्य कमेटी सचिव एवं इसके सबसे युवा पोलित ब्यूरो सदस्य, कामरेड शिवराम का कल, 28 मई 2021 को रात्रि 11.20 बजे देहांत हो गया। कामरेड शिवराम कोरोना से पीड़ित थे और इसके कारण पैदा हुई जटिलताओं के उपचार के लिए 3 मई से भुवनेश्वर के अस्पताल में भर्ती थे। उन्हे विगत 25 दिनों से लगातार आईसीयू और वेंटिलेटर पर रखा गया था। हमें अस्पताल से उनकी नाजुक स्थिति के बारे में हर दिन खबर मिलती रही थी। हमें हर रोज उनकी स्थिति में सुधार का समाचार मिलने की प्रतिक्षा रहती थी। लेकिन हमारी तमाम उम्मीदों और कामनाओं के बावजूद, वे हमें छोड़कर चले गए। कामरेड शिवराम को लाल सलाम।

इस देश का कम्युनिस्ट आंदोलन तुम्हें हमेशा याद करेगा क्योंकि तुमने जनता के बीच उम्मीदें जगाई, उनके बीच आशा का संचार किया‌। तुमने एकदम शुरुआत से, शुन्य से शुरू कर भुवनेश्वर में झुग्गी वासियों के एक ताकतवर जन आन्दोलन का निर्माण किया, और इस जन आधार की बुनियाद पर राज्य के जिलों में पार्टी तथा वर्ग व जन संगठनों का निर्माण किया। तुम पार्टी के संदेश को राज्य के कोने-कोने तक ले गए। तुमने सभी गैर-सर्वहारा विचारों और रुझानों के खिलाफ संघर्ष किया और क्रांतिकारी जन दिशा के सारतत्व को आत्मसात कर सैकड़ों संघर्षों को संगठित किया और उसे नेतृत्व प्रदान किया। इसके साथ ही, चिल्का आंदोलन से लेकर पोस्को विरोधी आंदोलन तक, कामरेड शिवराम राज्य के सभी बड़े आंदोलनों का अभिन्न हिस्सा रहे, जिसके लिए उन्हें पुलिस के हमलों का सामना करना पड़ा और जेल जाना पड़ा। वे ओड़िशा में आए महाचक्रवात के समय से, हर बार कामरेडों के साथ मिलकर बचाव व राहत कार्यों में सक्रिय रहा करते थे।

क्रांतिकारी रास्ते पर अडिग रहकर सभी प्रकार के भटकावों के खिलाफ समझौताहीन संघर्ष करते हुए पार्टी का निर्माण करते वक़्त, उन्होंने व्यापक वामपंथी दायरे के सभी दलों के साथ और विशेष रूप से क्रांतिकारी वाम व संघर्षशील ताकतों के साथ रिश्ता स्थापित किया। उन्हें सभी प्रगतिशील ताकतें क्रांतिकारी वाम की एक अग्रणी आवाज के रूप में पहचानते थे।

ऐसे एक ऊर्जावान और युवा कम्युनिस्ट योद्धा का इस समय हमारे बीच से चले जाना, जब आन्दोलन मौजूदा विकट चुनौतियों से पार पाने के लिए कठोर संघर्ष कर रहा है, एक बड़ी क्षति है। वे जो रिक्त स्थान छोड़ गए हैं, उस स्थान की भरपाई कर पाना सहज सम्भव नहीं है। इस समय हम सबके लिए, जो उन्हें अच्छी तरह जानते हैं और जिन्होंने उनके साथ काम किया है, उनके देहावसान से लगे आघात से उबर पाना आसान नहीं है। लेकिन उनकी महान क्रांतिकारी भावना हमसे मांग कर रही है कि हम इस सदमे से बाहर आएं और उस कार्यभार को आगे लेकर चलें जिसके लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन अर्पित कर दिया। यही उनके प्रति सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी।

हम समझ सकते हैं कि यह समय कामरेड प्रमिला के लिए कितना कठीन और दुःख भरा है, जो कामरेड शिवराम की जीवनसाथी हैं, जो स्वयं जुझारू योद्धा हैं और जो उनके साथ मिलकर सभी आंदोलनों की अगली कतार में खड़ी रही हैं। हम उनके पुत्र कामरेड सोनू की पीड़ा को भी समझ सकते हैं। हम आशा करते हैं कि कामरेड प्रमिला इससे उबरकर बाहर आएंगी और अपने पुत्र और हजारों-हजार झुग्गी वासियों, मजदूरों, किसानों और मित्रों व हमदर्दों को सांत्वना देंगी जो कामरेड शिवराम के असामयिक निधन से शोकग्रस्त हैं।

पार्टी के सभी कामरेड, कम्युनिस्ट आन्दोलन के सभी मित्र व हमदर्द, सभी जनवादी ताकतें जिनके साथ मिलकर हम संघर्षरत हैं, आइए, हम हमारे प्रिय कामरेड शिवराम के निधन से उपजे शोक को क्रांतिकारी भावना में बदल दें और दृढ़ संकल्प के साथ कम्युनिस्ट भविष्य की ओर आगे बढ़ें जिसके लिए कामरेड शिवराम ने अपना सारा जीवन समर्पित कर दिया।

हमारे प्रिय कामरेड शिवराम को लाल सलाम!

केएन रामचंद्रन

महासचिव

भाकपा (माले) रेड स्टार

नई दिल्ली 29 मई 2021

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